Analyse @SrBachchan's tweets
@SrBachchan
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पर भाई साहेब , ऐसे दिन हमने देखें हैं , इलाहबाद में । हम अपने घर में कभी भी ताला नहीं लगते थे । और घर का gate हमने कभी भी बंद होते नहीं देखा , वो सदा खुला ही रहता था । हाँ , पर अब ऐसा नहीं हो सकता ! आजकल तो सलाह देने वाले , कहते हैं , ज़बान पे भी ताला लगा के रखिए !! ??? https://t.co/DTdV9nD3ne