A Tatvdarshi saint is one who explains in full detail the symbolic words of the Vedas by which the Supreme God is attained, he is said to be the knower of the Vedas.
🛸कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु, कीन्हा मगहर पियाना हो। दोनो दीन चले संग जाके, हिन्दू-मुसलमाना हो।। माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले
यदि एक आत्मा को सतभक्ति मार्ग पर लगाकर उसका आत्म कल्याण करवा दिया जाए तो करोड़ अवश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है और उसके बराबर कोई भी धर्म नहीं है। जीवात्मा के उद्धार के लिए किए गए कार्य अर्थात् सेवा से श्रेष्ठ कोई भी कार्य नहीं है। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
#मगहर_लीला सन् 1518 वि. स. 1575, महीना माघ, शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी को कबीर साहेब जी मगहर से सशरीर सतलोक गये थे परमात्मा कबीर जी चार दाग से न्यारे हैं। चदरि फूल बिछाये सतगुरु, देखे सकल जिहाना हो। च्यारि दाग से रहत जुलहदी, अविगत अलख अमाना हो।। God Kabir Nirvana diwas
पर जानिए कि कैसे कबीर साहेब जी ने हिंदू मुस्लिम के बीच चल रहे पाखंडवाद को खत्म किया और एक परमेश्वर की भक्ति पर दृढ़ किया तथा कहा कि - एकै साधे सब सधै, सब साधै सब जाय। माली सीचें मूल कूं, फलै फूले अघाय । ।