Analyse @ChouhanShivraj's tweets
@ChouhanShivraj
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मेरी धर्मपत्नी ने स्व. बाबू जी के पुण्य स्मरण और जीवटता को कुछ पंक्तियों में पिरोया है-
जिसके कंधे पर बैठकर घूमा करती थी, उसे कंधा देकर आयी हूँ।
उसके माथे को चूमकर, ज़िंदगी की नसीहतें लेकर आयी हूँ।
जिसके कंधे पर बैठकर घूमा करती थी, उसे कंधा देकर आयी हूँ।
उसके माथे को चूमकर, ज़िंदगी की नसीहतें लेकर आयी हूँ।